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ढाबे के पीछे मिल रहा छठ का कन्फर्म ट्रेन टिकट

नई दिल्ली के नजदीक आते ही दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर यूपी-बिहार जाने वाले यात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी है साथ ही रिजर्व टिकटों की मारामारी भी। मंगलवार को जब हमने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाकर टिकटों की कालाबाजारी की पड़ताल की, तो देखा कि प्लैटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज से लेकर टिकट विंडो के आस-पास तक और रेलवे स्टेशन के बाहर बनी पार्किंग और ढाबों से लेकर ट्रैवल एजेंटों के दफ्तर तक हर जगह टिकटों के दलाल सक्रिय हैं। ये लोग किस तरह ट्रेनों में दिलाने का दावा करते हैं और उसके लिए कितने पैसे चार्ज करते हैं, आप खुद देख लीजिए : आगे ढाबा, पीछे गली में कन्फर्म टिकट का जुगाड़ पहाड़गंज की तरफ एक ढाबे में खाना खाने के बाद हमने बिल पे करते वक्त काउंटर पर बैठे शख्स के सामने अपनी बेबसी जताते हुए कहा कि क्या पटना जाने का कन्फर्म टिकट दिलाने में वह कुछ मदद कर सकता है। कितने लोग जाएंगे, कब जाएंगे जैसी इन्क्वायरी करने के बाद वह शख्स ढाबे के पिछले रास्ते में बनी गली की तरफ से हमें एक ट्रैवल एजेंट के दफ्तर में ले गया। उस एजेंट से जब हमने कहा कि कन्फर्म टिकट मिल जाएगा ना, तो उसने गर्व से कहा कि मेरे दफ्तर को यहां सब बिहार भवन कहते हैं। यहां जो टिकट लेने आता है, वो कभी खाली हाथ नहीं जाता। उसने कहा कि पैसे आज जमा कराने होंगे, लेकिन टिकट कल ट्रेन छूटने से 3 घंटे पहले मिलेगा। राजधानी के थर्ड एसी के लिए उसने 7200 रुपये मांगे, जबकि संपूर्ण क्रांति के थर्ड एसी के टिकट के लिए 6200 रुपये चार्ज बताया। जब हमने कहा कि ये तो बहुत ज्यादा है, तो उसने बताया कि राजधानी का टिकट वैसे तो 5600 का का बनेगा और संपूर्ण क्रांति का 4200 का, लेकिन मेरी जेब में तो केवल पांच-छह सौ रुपये ही आएंगे। बाकी पैसे तो और लोगों में बंटेंगे। उसने हमसे यात्रियों की डीटेल्स ली और पैसे जमा कराने को कहा। मगर हम एक बार फिर एटीएम से पैसे निकालकर लाने की बात कहकर निकल आए। स्टेशन के अंदर मिली कन्फर्म टिकट की डील! प्लेटफार्म नंबर-16 के फुट ओवरब्रिज की सीढ़ियों पर एक कम उम्र का लड़का एक युवक से टिकट दिलाने के लिए डील कर रहा था। हमने उससे पूछा कि पटना जाने के लिए कन्फर्म टिकट मिलेगा क्या? उसने हामी भरी और पूछा कि कब जाना है? हमने कहा, पॉसिबल हो तो आज का, नहीं तो कल का दिला दो। उसने फोन करके एक अन्य लड़के को बुलाया और कहा कि इनका पटना का टिकट बनवा दो। वह लड़का हमें पहाड़गंज की तरफ ले जाने लगा। हमने पूछा पैसे कितने लगेंगे? तो उसने बताया कि संपूर्ण क्रांति में थर्ड एसी का 3500 का टिकट बनेगा, जबकि असल में संपूर्ण क्रांति के थर्ड एसी का टिकट 1305 रुपये का है। हमने जब पूछा कि टिकट किसके नाम पर होगा? लड़के ने बताया कि उम्र आपके जितनी ही होगी, लेकिन नाम अलग होगा और दो महीने पहले की बुक की हुई टिकट होगी। हमने पूछा कि जगर टीटी ने आईडी मांगा, तब हम क्या करेंगे? इस पर लड़के का जवाब था कि आपसे आईडी नहीं मांगा जाएगा। वो हंसते हुए बोला कि इसीलिए तो आपसे इतना चार्ज ले रहे हैं। उसने दावा कि आप चाहो, तो राजधानी में भी कन्फर्म टिकट दिलवा सकते हैं, लेकिन उसके लिए 7-8 हजार रुपये लगेंगे। पहाड़गंज की तरफ स्टेशन से बाहर निकल कर वह लड़का हमें एक ट्रैवल एजेंट के दफ्तर ले गया, जहां एजेंट ने पैसे जमा कराने के लिए कहा। हमने कहा कि हम एटीएम से पैसे निकाल कर लाते हैं। कॉन्फिडेंस इतना कि दे रहे हैं रसीद भी पटना के टिकट की तलाश में भटकते वक्त हमें एक और दलाल मिला। वह हमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर पहाड़गंज की गलियों में बने एक टिकट बुकिंग सेंटर में ले गया। वहां बाकायदा कुछ विंडोज बनी हुई थीं, जहां से कुछ लोग गैर आरक्षित श्रेणी के टिकट भी ले रहे थे। हमें लेकर गए शख्स ने बताया कि आपको 6500 रुपये में गुवाहाटी राजधानी में थर्ड एसी का कन्फर्म टिकट मिल जाएगा। इसके लिए आपको 4 हजार रुपये अभी जमा कराने होंगे। आप कल 1 बजे आकर टिकट ले जाना और बाकी के पैसे दे जाना। हमने जब सवाल किया कि ऐसे कैसे हम आपको पैसे देकर चले जाएं? अगर टिकट नहीं मिला या आप नहीं मिले तो? इस पर उसने कहा कि यहां सब पक्का काम होता है। मैं आपको पूरी रसीद बनाकर दूंगा। साथ में अपने ऑफिस का कार्ड भी दूंगा, जिस पर मेरा नंबर लिखा है। हम कस्टमर को चीट नहीं करते। बस, अपने काम के लिए चार्ज करते हैं। उसने संपूर्ण क्रांति में भी थर्ड एसी का टिकट 5500 रुपये में दिलाने की बात कही। हमने यह भी पूछा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर तो इन ट्रेनों में लंबी वेटिंग दिख रही है, फिर आप कैसे हमारे नाम का कन्फर्म टिकट दिलवाओ। इस पर दलाल ने बताया कि ये सारा खेल 4 घंटे का है। ट्रेन चलने से 4 घंटे पहले चार्ट बनता है। जितनी सीटें खाली होती हैं, उसको हम बुक करा लेते हैं। अब आप पैसे, आईडी और अपनी डीटेल्स दो और आराम से घर जाओ। टारगेट पर मिडिल क्लास आदमी भले ही फेस्टिव सीजन के लिए रेलवे ने 80 से ज्यादा नई ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को ट्रेनों में कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहे। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें झेलनी पड़ रही है, जो भीड़ के चलते जनरल बोगी या स्लीपर कोच में यात्रा नहीं करना चाहते, लेकिन एसी कोच में कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहे। रेल टिकटों के दलाल मिडिल क्लास वालों लोगों की इसी परेशानी का खुलेआम और जमकर फायदा उठा रहे हैं और इसके लिए मोटी फीस भी वसूल रहे हैं। बस, इसके लिए आपको दलाल या उसके लिए काम करने वाले आदमी को यह भरोसा दिलाना पड़ेगा कि आप एक सामान्य आदमी हैं और हर हाल में छठ पूजा पर अपने घर जाना चाहते हैं। उसके बाद आप सारी चिंता भूल जाइए। आपको किसी भी ट्रेन की किसी भी क्लास में कन्फर्म टिकट मिल जाएगा।


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