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जब दिल्ली जल रही थी, शाह कहां थे: शिवसेना

मुंबई उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर शिवसेना ने केंद्रीय गृहमंत्री पर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि जब दिल्ली जल रही थी, लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे थे तब गृहमंत्री अमित शाह कहां थे? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा पर सवाल उठाते हुए सामना में लिखा गया कि जब दिल्ली में लोग मारे जा रहे थे केंद्र का आधा मंत्रिमंडल अहमदाबाद में 'नमस्ते, नमस्ते साहब' कहने के लिए गया था। सामना में जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर को लेकर भी सवाल उठाए गए। सामना के संपादकीय में लिखा गया, 'देश की राजथानी में जब 38 लोग मारे गए, उनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं और केंद्र का आधा मंत्रिमंडल उस समय अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को सिर्फ नमस्ते, नमस्ते ट्रंप कहने गया था। लगभग तीन दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया।' 'गृहमंत्री के दर्शन क्यों नहीं हुए' इसमें आगे कहा गया, 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चौथे दिन अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर लोगों से चर्चा करते दिखे, इससे क्या होगा? सवाल यह है कि इस दौर में हमारे गृहमंत्री के दर्शन क्यों नहीं हुए? विधानसभा चुनाव में अमित शाह गृहमंत्री होते हुए भी घर-घर प्रचार का पत्रक बांटते घूम रहे थे लेकिन जब पूरी की आग में जल रही थी तब यही गृहमंत्री कहीं दिखाई नहीं दिए।' 'जज को सच बोलने की सजा मिली' सामना में आगे जज के ट्रांसफर का मुद्दा भी उठाया, 'दिल्ली में 1984 के दंगों की तरह भयंकर हालात निर्माण न हो, सभी आम नागरिकों को जेड सुरक्षा देने का वक्त आ गया है। ऐसी टिप्पणी न्यायाधीश मुरलीधर ने की और अगले 24 घंटों में न्यायाधीश के तबादले का आदेश राष्ट्रपति भवन से निकल गया। न्यायालय को भी सत्य बोलने की सजा मिलने लगी है क्या?' पढ़ें: 'सरकार की गर्दन पर बैठकर सवाल पूछना चाहिए' कमजोर विपक्ष पर निशाना साधते हुए 'सामना' में कहा गया, 'देश का विपक्ष बेबस है अन्यथा दिल्ली में 38 लोगों की हत्या के लिए सरकार की गर्दन पर बैठकर सवाल पूछा गया होता कि 38 लोगों की बलि चढ़ी या उन्हें बलि चढ़ाने दिया गया वो भी राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में। राष्ट्रवाद का उन्माद और धर्मांधता की मदमस्ती ये दो प्रवृत्तियां देश को 300 साल पीछे धकेल रही है। भड़काऊ भाषण राजनीति में निवेश बन गए हैं।' 'सावरकर के गौरव के लिए नौटंकी करने वाले देश के बारे में सोचें' सामना में कहा गया, 'केंद्र के एक मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश अब दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया है, जिन्होंने ये आदेश दिया है इस न्यायमूर्ति को ही सरकार ने सजा दे दी। वीर सावरकर के गौरव के लिए जो लोग राजनैतिक नौटंकी कर रहे हैं वे देश के गौरव के बारे में सोचें। राजधानी की हिंसा का धुआं देश का दम घोंट रहा है। उस धुएं में देश के गृहमंत्री कहीं भी दिखाई नहीं देते। चिंता करने जैसा ये मामला है।'


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