नई दिल्ली: देशभर में के संक्रमण फैलने की अफवाहों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात मेडिकल एक्सपर्ट डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से हम आसानी से जीत सकते हैं। साल 2016 में पद्म भूषण से सम्मानित डॉक्टर रेड्डी वर्तमान में एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के चेयरमैन हैं। उन्होंने बताया कि 'लॉकडाउन 3-4 हफ्ते से अधिक लंबा नहीं होना चाहिए।' मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर रेड्डी का कहना है कि कोरोना एक आरएनए वायरस है। जब यह वायरस इटली, अमेरिका या भारत में फैला, तो इसके जीनोटाइप अलग हो गए। पूरे वायरस की सीक्वेंसिंग 4 देशों में की गई है- पहला अमेरिका, दूसरा इटली, तीसरा चीन और चौथा भारत। रेड्डी के मुताबिक अब यह पता चला है कि इस वायरस की इटली के मुकाबले भारत में एक अलग जीनोम है। भारतीय वायरस में जीनोम के स्पाइक प्रोटीन में एक एकल उत्परिवर्तन होता है। इटली में फैले वायरस में तीन उत्परिवर्तन हुए हैं, जिससे यह इन लोगों के लिए अधिक घातक है। उन्होंने कहा कि इटली में इसके घातक होने के कई अन्य कारण भी हैं जिनमें कई रोगियों की उम्र 70-80 साल से ऊपर है, धूम्रपान, शराब, डायबीटीज, ब्लड प्रेशर जैसे कारक शामिल हैं। इसीलिए वहां मृत्यु दर का स्तर 10 फीसदी के साथ सामान्य से अधिक है, जबकि भारत, अमेरिका, चीन में मृत्यु दर केवल 2 फीसदी है। वायरस के जीनोम के आधार पर मृत्यु दर और संक्रमण दर में भिन्नता है। इम्युनिटी सिस्टम भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वायरस के फैलने से देशभर में दहशत के माहौल पर डॉक्टर रेड्डी कहते हैं कि कई अध्ययनों में दावा किया गया है कि 10 साल तक बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होते, दूसरा जवान व्यक्ति भी इससे कम प्रभावित होते हैं। आमतौर पर 70 साल की उम्र से अधिक ऐसे व्यक्ति जिन्हें डायबीटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी समस्या है, तो उन्हें इसका खतरा अधिक होता है।
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