नई दिल्ली कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के पलायन को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार को सुनवाई कर सकती है। शीर्ष अदालत में एक वकील द्वारा दाखिल याचिका में दिहाड़ी मजदूर और उनके परिवारवालों को खाना, पानी और ठहरने के इंतजाम करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत अब इस मामले की कल सुनवाई करेगी। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शीर्ष अदालत ने सुनवाई की। श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में पैदल अपने घर जा रहे दिहाड़ी मजदूरों और उनके परिजनों के लिए खाना, पानी और रहने की व्यवस्था की मांग की है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता वकील आलोक श्रीवास्तव को कहा कि हम अभी सरकार के शपथपत्र को देखना चाहते हैं फिर बुधवार को हम इसपर सुनवाई कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें स्थिति से निपटने के लिए तमाम कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि वह वकील श्रीवास्तव की याचिका पर शीर्ष अदालत में शपथपत्र भी दाखिल किया। देश में कोरोना के 1,071 मामले सामने आए हैं और 29 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, 100 लोग इस जानलेवा बीमारी से ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद तमाम करोबारी प्रतिष्ठान से लेकर सबकुछ बंद हो गया। इसके बाद दिहाड़ी मजदूर पैदल ही घरों की तरफ जाने लगे। कई राज्यों की सरकारें मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कई कदम उठा रही हैं। इस बीच, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है।
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