श्रीनगर एक ऑडियो मेसेज जारी करके कश्मीर के अलगाववादी नेता ने हुरियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है। छोटे से ऑडियो मेसेज में गिलानी ने कहा है कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में सभी तो बता दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हुर्रियत के मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है। ऑडियो मैसेज में गिलानी ने कहा, ' के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हर तरह से अलग होने का फैसला किया है। फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है।' 90 साल के अलगाववादी नेता गिलानी की सेहत भी पिछले दिनों से ठीक नहीं है। वह इसी साल फरवरी में अस्पताल में भर्ती हुए थे। कई बार उनकी सेहत को लेकर अफवाहें भी उड़ीं। पिछले साल वायरल हुआ था वीडियो पिछले साल गिलानी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह 'हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है' कहते सुने जा रहे थे। यह वीडियो गिलानी के नाम से ही मौजूद एक गैर-वेरिफायड ट्विटर अकाउंट से मई में शेयर किया गया था। क्या है हुर्रियत कॉन्फ्रेंस बात करें हुर्रियत की तो 9 मार्च 1993 को 26 अलगाववादी संगठनों ने मिलकर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन किया था। इसके पहले चेयरमेन बने मीरवाइज मौलवी उमर फारुक। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में 6 सदस्यीय कार्यकारी समिति भी बनाई गई थी। इस समिति का फैसला अंतिम माना जाता रहा है। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने मतभेदाें के चलते 7 अगस्त 2004 काे अपने समर्थकाें के साथ हुर्रियत का नया गुट बनाया था। इसके साथ ही हुर्रियत दो गुटाें में बंट गई। गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत को कटटरपंथी गुट और मीरवाइज मौलवी उमर फारुक की अगुआई वाले गुट को उदारवादी गुट कहा जाता रहा है।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/3ibSCyV
Comments
Post a Comment