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ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष महेश्वरी ने कहा- हमारी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं

नई दिल्ली ट्विटर ने भारत में एक नया फीचर 'टॉपिक्स' पेश किया है जहां लोग कुछ खास विषयों को फॉलो कर सकते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और विवादित विषयों के मुद्दे भी उठते रहे हैं। इस बारे में के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) से बात की आशीष पांडे ने... 1. ट्विटर कुछ नया पेश कर रहा है, क्या है टॉपिक्स नाम का यह नया फीचर? टॉपिक्स की मदद से भारतीयों के लिए अपनी दिलचस्पी के मुताबिक पसंदीदा चीजों के बारे में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में पता लगाना, उन्हें फॉलो करना और उन पर चर्चा करना आसान हो जाएगा। अगर आप किसी टॉपिक को फॉलो करते हैं तो टाइमलाइन पर उसी तरह के कंटेंट को ज्यादा देख पाएंगे। इससे लोगों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि सबसे दिलचस्प और रोचक विषय कौन-से हैं। 2. क्या इससे फीड का लुक पूरी तरह बदल जाएगा या यह उन सभी हैंडल और टॉपिक्स का मिक्स होगा जिन्हें हम फॉलो कर रहे हैं। अब तक ट्विटर पर अकाउंट बनाने के बाद लोगों को पसंद के अकाउंट्स व कंटेंट खोजने में मेहनत करनी पड़ती थी। इसके लिए सर्च पर जाना पड़ता था। हम इसे आसान बनाना चाहते थे। भारत में टॉपिक्स की शुरुआत के साथ, सिर्फ एक टैप की मदद से किसी एक थीम से जुड़ी बातचीत को आसानी से फॉलो कर पाएंगे। जब आप एक टॉपिक को फॉलो करने का मन बनाते हैं- जिसमें कविता से लेकर, विभिन्न शहरों के बारे में अपडेट, पसंदीदा क्रिकेट टीम या हिंदी सिनेमा जगत के सितारे जैसे विषय शामिल हैं- तब आपको उस विषय के एक्सपर्ट्स, प्रशंसक या उस चीज के बारे में ट्विटर पर सिर्फ अपने विचार रखने वाले लोगों के अकाउंट्स के ट्वीट्स नजर आएंगे। ट्विटर पर आप जिन चीजों की तलाश करते हैं और जिन अकाउंट्स को आपने फॉलो किया है, उसी आधार पर समय-समय पर टाइमलाइन पर अलग-अलग टॉपिक्स के सुझाव भी दिए जाएंगे। 3. पूरी दुनिया की तरह, भारत में भी हमने सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वैचारिक एवं राजनीतिक ध्रुवीकरण का अनुभव किया है और अक्सर इसकी वजह से अपमानजनक या सांप्रदायिक विवाद उभरे हैं। टॉपिक्स को आप इससे कैसे दूर रखेंगे। लोगों के बीच आपसी संवाद के आधार पर हम नए टॉपिक्स शामिल करते हैं। हम देखते हैं कि किसी विषय पर कितने लोग ट्वीट, रीट्वीट, रिप्लाई और लाइक कर रहे हैं। यह डायलॉग जितना ज्यादा होगा उसे टॉपिक्स के अगले बैच में शामिल करने के आसार उतने ही अधिक होंगे। हमने सुरक्षा के कई उपायों को लागू किया है ताकि स्वस्थ बातचीत हो, अपशब्द न हों। हम देखते हैं कि ट्वीट करने वालों के बारे में दूसरे लोगों का रवैया कैसा है, हम रिपोर्ट, ब्लॉक के अलावा देखते हैं कि क्या लोगों ने 'शो लेस ऑफन' पर क्लिक करके या इससे जुड़े कीवर्ड्स को म्यूट करके इस तरह के सुझाव खारिज किए हैं। ट्वीट्स के समूह की रैंकिंग और उन्हें फिल्टर करते हुए हमें ऐसा सेट मिलता है जहां हम किसी विषय को पूरे विश्वास के साथ उस टॉपिक के लिए सुझाव के तौर पर पेश कर सकते हैं। 4. इन दिनों फेक न्यूज एक बड़ा मुद्दा है। अगर ऐसे मुद्दों पर आधारित कुछ टॉपिक्स को ट्विटर पर जगह दी जाती है तो क्या होगा? क्या इसकी रोकथाम की व्यवस्था की जाएगी? पूरी दुनिया में मौजूद हमारे विशेषज्ञों की टीम जांच करती रहती है कि टॉपिक्स में विषय किस तरह के हैं। अगर टॉपिक्स बार-बार अनफॉलो किए जाते हैं या टॉपिक्स के भीतर ट्वीट्स बार-बार रिपोर्ट किए जाते हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि ऐसे टॉपिक्स प्रासंगिक और ठीक नहीं हैं। ऐसा होने पर, हम उस टॉपिक पर अस्थाई रूप से रोक लगा सकते हैं। 5. ट्विटर ने अमेरिका जैसे देशों में काफी सख्त कदम उठाए हैं। वहां राजनीतिक या अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति के भी ट्वीट पर सख्त कदम उठाने में संकोच नहीं करते। क्या आपको लगता है कि भारत में भी फेक न्यूज फैलाने वाले कंटेंट्स पर ट्विटर ऐसे ही सख़्त कदम उठाएगा? हमारे प्रोडक्ट और हमारी नीतियां कभी भी किसी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित नहीं रही हैं और न ही राजनीतिक विचारधारा के आधार पर विकसित हुई हैं। इसलिए हम अपने सभी यूजर्स पर अपनी पॉलिसी विवेक सम्मत और निष्पक्ष तरीके से लागू करते हैं, चाहे उनकी राजनीतिक विचारधारा और पृष्ठभूमि कुछ भी हो। 6. हाल के दिनों में ट्विटर ने भारत में किस तरह के नए ट्रेंड का अनुभव किया है? क्या इस्तेमाल के पैटर्न में कोई दिलचस्प बदलाव सामने आया है? लोगों को किन चीजों पर बात करने में खुशी मिलती है, इस बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए ट्विटर ने लुक-बैक एनालिसिस किया है। हमारी टीम ने 100 दिनों में 22 शहरों में 850,000 ट्वीट्स की स्टडी की है। इस स्टडी ने ट्विटर के प्रति हमारे भरोसे की पुष्टि की और साबित हो गया कि सर्विस को लेकर बातचीत काफी विविधतापूर्ण है। खेल-कूद, भोजन और उत्सव के विषयों पर बातचीत में दक्षिण भारत के एर्नाकुलम, हैदराबाद और चेन्नै जैसे शहर सबसे आगे थे। इस चार्ट में, रोमांस के विषय पर बातचीत में लुधियाना का नंबर सबसे ऊपर है, जबकि पशु-पक्षियों पर बातचीत में रायपुर सबसे आगे है। भुवनेश्वर में ज्यादातर बातचीत परिवार और परोपकार व लोगों की भलाई पर आधारित थी। इससे हमें पता चलता है कि भारत में ट्विटर पॉजिटिव बातचीत के साथ विकसित हो रहा है। 7. आप भारत में हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल को किस तरह देखते हैं? ट्विटर के लिए प्रमुख देशों की सूची में भारत सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से है और हम विकास को भाषा के साथ-साथ विभिन्न शहरों में अपने दायरे के विस्तार के आधार पर देखते हैं। ट्विटर के 51% भारतीय यूजर अंग्रेजी में ट्वीट करते हैं जबकि 49% गैर-अंग्रेज़ी भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। भारतीय भाषाओं में हिंदी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसके बाद तमिल, तेलूगु, मराठी और गुजराती का नंबर है। भारत के लिए टॉपिक्स अंग्रेज़ी और हिंदी, दोनों भाषाओं में मिलेंगे। हिंदी टॉपिक्स की लिस्ट में शामिल होने वाली 7वीं भाषा है। हिंदी के अलावा टॉपिक्स अंग्रेज़ी, जापानी, स्पेनिश, पुर्तगाली, अरबी और कोरियाई भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। 8. भारत में लॉकडाउन के दौरान ट्विटर के उपयोग का स्वरूप कैसा था? क्या आपको इसमें कोई खास बदलाव या पैटर्न दिखाई दिया? पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान हमने देखा कि ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में लोग सार्वजनिक मुद्दों पर बातचीत में भाग लेने और वास्तविक समय में हो रही घटनाओं को फॉलो करने के लिए ट्विटर का रुख करते हैं। लोग अपने-अपने घरों में रहने को विवश थे, लिहाजा खाना पकाने से लेकर रोजाना की जिंदगी में कॉमिडी और मनोरंजन पर भी लोगों ने खूब बातचीत की। 9. 2021 में आप ट्विटर की भूमिका और चुनौतियों को किस तरह देखते हैं? खासकर जब लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। 2020 ने हम सभी को बहुत कुछ सिखाया है। महामारी फैलने के बाद ट्विटर का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण सर्विस के रूप में किया गया है। संकट की इस घड़ी में लोग पहले की तुलना में एक-दूसरे के ज्यादा करीब आए हैं। इसलिए हम सार्वजनिक बातचीत के तौर पर सेवाएं उपलब्ध कराने में ट्विटर की भूमिका को लेकर सचेत हैं। इसी वजह से हमने नया प्रोडक्ट फीचर Topics पेश किया है, जिससे इस प्लेटफॉर्म पर लोगों के लिए किसी खास विषय पर बात करना आसान होगा। आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा लोग ट्विटर से जुड़ रहे हैं।


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