पटना सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे (CJI ) ने शनिवार को के नवनिर्मित शताब्दी भवन का उद्घाटन (Inauguration Centenary Building ) किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री () ने कहा कि आज का दिन गौरव करने का है। मुझे खुशी है कि जब इस भवन का शिलान्यास हुआ तब और अब उद्घाटन पर मुझे शामिल होने का मौका मिला। इसे पुराने भवन के अनुरूप बनाया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ सरकार का काम नहीं, कोर्ट की भी जिम्मेदारी है। 'ट्रायल का काम तेजी से चलेगा तो अपराध पर नियंत्रण लगेगा' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में पटना हाई कोर्ट की ओर से मीटिंग में अपराध नियंत्रण और जल्द ट्रायल शुरू करने पर बात हुई थी। ट्रायल का काम तेजी से चलता रहेगा तो हम समझते हैं अपराध पर नियंत्रण लगेगा। न्यायपालिका का काम सबसे अहम है। हम लोगों के पास जो भी प्रस्ताव आता है उसे हम स्वीकार करते हैं। न्यायपालिका के लिए जो भी जरूरत है, जो भी प्रस्ताव होगा उसे हम तत्काल स्वीकार करेंगे। सिर्फ सरकार की बात नहीं है, विधायिक कानून बना सकता है, लेकिन सबसे बड़ी भूमिका न्यायपालिका की है। न्यायपालिका में सही आदमी को कोई तंग नहीं कर सकता: सीएममुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ लोगों की गलत मानसिकता होती है लेकिन ज्यादातर लोग सही स्वभाव के होते हैं। न्याय के काम में तेजी आने से अपराध में कमी आएगी। न्यायपालिका में सही आदमी को कोई तंग नहीं कर सकता है और गलत आदमी बच नहीं सकता। नीतीश कुमार ने कहा कि मैं वचन देता हूं कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए न्यायपालिका को जो भी जरूरत होगी वह हमारी सरकार पूरी करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को बिहार आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आप कभी मौका निकाल कर बिहार आइए और बिहार में हुए काम को देखिए। बिहार संग्रहालय देखिए पटेल भवन देखिए। रविशंकर प्रसाद बोले- जो भी मैं बन पाया पटना हाईकोर्ट की बड़ी भूमिका केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं जीवन में जो भी कुछ कर पाया हूं, जो भी बन पाया हूं उसमें पटना हाईकोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका है। वर्षों यहां गुजारे हैं। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर हैं। एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से जजमेंट चाहते हैं। मन-मुताबिक फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भारत स्वतंत्र राष्ट्र है, यहां बोलने की आजादी है, लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है। 31 जनवरी, 2021 तक देश में 73.8 लाख केस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुने गए। बिहार में 6 लाख से ज्यादा केस डिजिटल माध्यम से सुने गए। रविशंकर प्रसाद ने टेली लॉ के विषय में भी बात की।
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