नई दिल्ली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को मिलीजुली प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। विपक्ष के नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मैं बिल्ली के गले में घंटी बांधने में सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं। मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना चाहती हूं।' 'विपक्ष का नेतृत्व परिस्थिति पर निर्भर करता है' ममता बनर्जी से जब यह पूछा गया कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं। यह परिस्थिति, सरंचना पर निर्भर करता है। अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं। जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तब हम निर्णय ले सकते है। मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती।' 'आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर समय' पेगासस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है और केंद्र सरकार जवाब नहीं दे रही। TMC चीफ ममता बनर्जी ने कहा, 'सभी जगह वे प्रवर्तन निदेशालय आयकर विभाग को छापा मारने के लिए भेज रहे हैं। यहां कोई जवाब नहीं दे रहा है। लोकतंत्र में सरकार को जवाब देना चाहिए। स्थिति बेहद गंभीर है, यह आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है।' 'सच्चा दिन देखना चाहती हूं, बहुत दिन अच्छे दिन देख लिए' ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि विपक्षी दलों की एकता अपने आप आकार लेगी। विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद पहली बार दिल्ली आईं ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा, 'मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं और इसी तरह काम करना चाहती हूं।' उन्होंने BJP के चुनावी नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मैं सच्चा दिन देखना चाहती हूं, बहुत दिन अच्छे दिन देख लिए।'
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