नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और टीकों के बारे में जागरूकता फैलाने व टीका लगवाने में लोगों की झिझक दूर करने के लिए सरकार के साथ काम करने की उनसे अपील की। प्रधानमंत्री ने इन नेताओं से स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ समारोह का हिस्सा बनने के लिए भी कहा। 'भारत जोड़ो आंदोलन' के जरिए पूरा देश एकजुट हो उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हमें 'भारत जोड़ो आंदोलन' के जरिए पूरे देश को एकजुट करने की दिशा में काम करना चाहिए और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की सच्ची भावना को प्रदर्शित करना चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किए गए संवाद में ने कहा कि यह चर्चा इस बारे में एक और उदाहरण है कि समाज और सरकार देश के फायदे के लिए साथ मिल कर काम कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने कोविड-19 से उपजी चुनौतियों से निपठने में इन संगठनों द्वारा किये गये कार्य की सराहना की। 'महामारी के दौरान धार्मिक स्थल अस्पताल और क्वारंटीन सेंटर बने' पीएम मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान जाति और धर्म पर बिना विचार किए लोगों को मदद दी गई और यह ‘एक भारत- एकनिष्ठ प्रयास’ का श्रेष्ठ उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा महामारी के दौरान अस्पताल और क्वारंटीन सेंटर बन गए। इसके साथ ही, इन धार्मिक स्थलों के द्वारा जरूरतमंदों को भोजन और दवा उपलब्ध कराई गई। प्रधानमंत्री ने पूरे देश में टीकाकरण अभियान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘सबको वैक्सीन, मुक्त वैक्सीन’ एक सुरक्षा कवच के समान है। हर कोई 'आजादी के अमृत महोत्सव' का हिस्सा बने उन्होंने धार्मिक और सामुदायिक नेताओं से सरकार के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया, ताकि टीकाकरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके व टीकों को लेकर अफवाहों और दुविधाओं का मुकाबला किया जा सके। पीएमओ के बयान में कहा गया कि उन्होंने विशेषकर उन क्षेत्रों में सरकार के साथ प्रयास करने का आग्रह किया, जहां लोगों में टीका लगवाने के प्रति झिझक अधिक है। उन्होंने कहा, 'इससे हमारे स्वास्थ्यकर्मियों को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने में बहुत सहायता मिलेगी।' उन्होंने नेताओं से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि हर कोई 'आजादी के अमृत महोत्सव' का हिस्सा बने। तीसरी लहर को रोकने को लेकर सुझाव उन्होंने कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों के बारे में बातें कीं। उन्होंने अभी चल रहे टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपना समर्थन दिया और तीसरी लहर को रोकने के लिए अपने विचार और सुझाव भी दिए।
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