नई दिल्ली (CDS) ने रक्षा क्षेत्र में '' की वकालत की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज देश को स्वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत है। 'रीजनल पावर' बनाने का सपना उधार ली गई ताकत से पूरा नहीं किया जा सकता है। हमें इस दिशा में गंभीरता के साथ विचार करने की जरूरत है। बिपिन रावत ने शुक्रवार को राजधानी में 5वें आईईटीई इनोवेटर्स-इंडस्ट्री मीट में शिरकत की। इस कार्यक्रम को इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर्स (IETE) ने आयोजित किया था। कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा कि क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत की आकांक्षा 'उधार में ली गई ताकत' पर निर्भर नहीं रह सकती। राष्ट्र को युद्ध जीतने के लिए स्वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत होगी। भारत में रक्षा वाणिज्य उद्योग के पारिस्थितिकी तंत्र की प्रकृति ऐसी है जिससे रक्षा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता बाधित होती है। जनरल रावत ने कहा, 'अगर हमें भविष्य के युद्ध लड़ने और जीतने हैं तो हम आयात पर निर्भर नहीं रह सकते। लिहाजा, आगे का रास्ता स्वदेशीकरण का है। सशस्त्र सेनाओं में हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।' उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय शक्ति बनने की हमारे देश की आकांक्षा उधार में ली गई ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती। भारत को अपने युद्धों को भारतीय तरीकों से लड़ना होगा।' चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि सूचना की व्यापकता और प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव युद्ध के मूल चरित्र को बदल रहे हैं। ऐसे तरीकों का ईजाद कर रहे हैं जिनसे बिना आमने-सामने लड़े युद्ध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi, coronavirus vaccine latest news update https://ift.tt/3DiwpK9
Comments
Post a Comment