नई दिल्ली दिल्ली में एक शख्स के घर के बाहर से उसकी फॉर्च्यूनर कार चोरी हो गई। पीड़ित की शिकायत पर विवेक विहार पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। मगर इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम के 23 लाख 385 रुपये देने से इनकार कर दिया। दरअसल कंपनी का कहना था कि पीड़ित ने कार की दूसरी चाबी नहीं लौटाई है, इस कारण वह क्लेम नहीं देगी। पीड़ित ने बताया कि कार की दूसरी चाबी खो गई है। बावजूद इसके कंपनी ने क्लेम नहीं दिया। मामला दिल्ली स्टेट कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट के जुडिशल मेंबर ओपी गुप्ता ने इस मामले में फैसला सुनाया कि इंश्योरेंस कंपनी को छह प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की 75 प्रतिशत रकम पीड़ित को देनी होगी। आदेश के अनुसार कंपनी ने पीड़ित को रकम दे दी है। घर के बाहर से चोरी हो गई थी फॉर्च्यूनरमामले में दिए गए आदेश के मुताबिक, पीड़ित संदीप तनेजा सूरजमल विहार इलाके में रहते हैं। 17 फरवरी 2014 की रात करीब साढ़े 8 बजे उनकी फॉर्च्यूनर कार घर के बाहर से चोरी हो गई थी। पुलिस ने केस दर्ज किया। कार की दूसरी चाभी गुम होने से फंस गया क्लेम उधर, एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस नामक कंपनी से कार का इंश्योरेंस था। जिसकी अवधि 1 अगस्त 2013 से 31 जुलाई 2014 तक थी। इंश्योरेंस होने के चलते तनेजा ने कंपनी से क्लेम की मांग की। साथ ही कार की एक चाबी कंपनी को दे दी। कंपनी ने कार की दूसरी चाबी मांगी तो पीड़ित ने बताया कि कार की दूसरी चाबी घर में कहीं गुम हो गई है और मिल नहीं रही है। कंज्यूमर कोर्ट ने दिलवाया मुआवजाकंपनी ने इसी बात का पॉलिसी मुद्दा बनाकर क्लेम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने अपने एडवोकेट राजेश शर्मा के जरिए दिल्ली स्टेट कंज्यूमर कोर्ट पहुंचे। उन्होंने 18 प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की रकम लौटाने के अलावा दो लाख रुपये मानसिक प्रताड़ना के लिए, और 21 हजार रुपये मुकदमेबाजी के लिए दिलवाने की मांग की। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने और दस्तावेज देखने के बाद इंश्योरेंस कंपनी को छह प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम की 75 प्रतिशत रकम देने का आदेश दिया।
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