तिरुवनंतपुरम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सीएम योगी का मुखौटा लगाए एक शख्स को तीन लोग रस्सी से बांधकर घसीटते हुए ले जा रहे हैं। ये लोग उसे थप्पड़ भी मारते नजर आ रहे हैं। इस मौके पर मौजूद भीड़ नारेबाजी कर रही है। बताया जा रहा है कि इस वीडियो को पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की छात्र शाखा सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) की तरफ से निकाली गई रैली के दौरान बनाया गया है। बीजेपी ने इस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है। जानकारी के मुताबिक, इस वीडियो में सीएफआई के कार्यकर्ता पीएफआई एक्टिविस्ट सिद्दीकी कप्पन पर मुकदमा चलाए जाने को लेकर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, यूपी पुलिस ने हाथरस में दलित युवती से रेप की घटना के बाद अशांति फैलाने के आरोप में सिद्दीकी कप्पन समेत कई पीएफआई कार्यकर्ताओं पर कड़ा ऐक्शन लिया था। इस मामले में कप्पन जेल में बंद चल रहा है। इस्लाम का धरती पर प्रेम फैलाने का यही तरीका है क्या: बीजेपी वहीं, यूपी बीजेपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने सीएफआई कार्यकर्ताओं की इस हरकत पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है- 'केरल में आतंकी संगठन PFI के सहयोगी संगठन कॅम्पस फ्रंट आफ इंडिया (CFI) के नाम से चलने वाले इस्लामिक संगठन की करतूत। उसने अपने प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को चित्रित किया है। क्या यही इस्लाम का धरती पर प्रेम फैलाने का तरीका है?' मुस्लिमों को भड़काने का काम करता था कप्पन: यूपी पुलिस गौरतलब है कि अक्टूबर की शुरुआत में यूपी पुलिस ने हाथरस में अशांति फैलाने के आरोप में सिद्दीकी कप्पन नाम के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार्जशीट में जांच अधिकारी ने कप्पन के उन 36 लेखों को हाईलाइट किया था जो उसके लैपटॉप से मिले थे। इन लेखों में शरजील इमाम, राम मंदिर, दिल्ली दंगे, एंटी सीएए प्रोटेस्ट जैसे मुद्दों का जिक्र किया गया था। चार्जशीट में यह भी बताया गया था कि कप्पन एक जिम्मेदार पत्रकार की तरह लेख नहीं लिखता था। उसका काम सिर्फ मुस्लिमों को भड़काने का था। सोशल मीडिया पर लोग जता रहे गुस्सा सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो पर यूजर्स काफी गुस्सा जता रहे हैं। उनका कहना है कि केरल सरकार इस वीडियो को संज्ञान में लेकर आरोपियों पर कड़ा ऐक्शन ले। यूजर्स का कहना है कि एक समुदाय विशेष के कुछ लोग इस तरह की हरकतें करते हैं और बदनाम पूरा समुदाय होता है। पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में केंद्र सरकार बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को प्रतिबंधित संगठन की सूची में डालने की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार बता चुकी है कि केरल का पत्रकार सिद्दीक कप्पन पीएफआई से जुड़ा है और पीएफआई के पदाधिकारियों का प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़े होने का पता लगा है।
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