नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW)ने शुक्रवार को कोरोना के मध्यम या गंभीर मरीजों को दी जाने वाली दवाईओं पर बड़ी बात कही है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कहा कि, दवा (Remdesivir) केवल ‘मध्यम से गंभीर’ कोविड-19 रोगियों (Covid-19 Patients) को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर दी जानी चाहिए। ऐसे रोगियों को गुर्दे या यकृत संबंधी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। सरकार ने ऐसे रोगियों को दवा नहीं देने को कहा है, जो ऑक्सीजन पर नहीं हैं या घर में रहकर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। वयस्क रोगियों में संक्रमण के प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी क्लीनिकल दिशानिर्देश के अनुसार, रेमडेसिविर दवा केवल ‘मध्यम से गंभीर’ कोविड-19 रोगियों को किसी तरह के लक्षण की शुरुआत के दस दिन के भीतर देने को कहा गया है, जिन्हें गुर्दे या लीवर संबंधी कोई समस्या नहीं हो। दिशानिर्देशों के अनुसार, गंभीर रोग की स्थिति में टोसिलिजुमाब दवा के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है। इस दवाई को गंभीर बीमारी शुरू होने और आईसीयू में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के भीतर प्राथमिकता दी जाए। मंत्रालय ने यह भी कहा कि, 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य ऐसी बीमारियां हैं, उन्हें गंभीर बीमारी का अधिक जोखिम है। दिशानिर्देशों के अनुसार, कोरोना वायरस रोगियों को हल्के, मध्यम और गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों में वर्गीकृत किया गया है। इनमें कहा गया है कि, हल्की बीमारी वालों के लिए घर में पृथक-वास में रहने और देखभाल की सिफारिश की गयी है, वहीं मध्यम स्तर के संक्रमण से जूझ रहे लोगों को अस्पताल में वार्ड में भर्ती करने तथा गंभीर संक्रमण वालों को आईसीयू में भर्ती करने की सिफारिश की गई है।
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