1975 में आपातकाल की घोषणा और 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने के फैसले इंदिरा गांधी के जीवन पर भारी पड़े। आपातकाल के बाद जहां उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी वहीं स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने के फैसले की कीमत उन्हें अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों जान देकर चुकानी पड़ी।
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