अपने देश में सैकड़ों साल से कहा जाता रहा है कि धरती पर मां ही ईश्वर का दूसरा रूप है। वह बिना किसी शर्त या लालच के बेटे की हरसंभव देखभाल करती है। खुद कष्ट सहती है लेकिन अपने जिगर के टुकड़े को कभी दुखी नहीं देखना चाहती है। वह प्यार और करुणा की मूरत होती है। ऐसी ही अपनी मां के त्याग की कहानी गुरु सामी ने शेयर की है।
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